Shayari Page
SHER

दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब

दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब

क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो

Comments

Loading comments…
दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब — Allama Iqbal • ShayariPage