Shayari Page
SHER

अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगी

अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगी

तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन

Comments

Loading comments…
अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगी — Allama Iqbal • ShayariPage