अपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगी Allama Iqbal@allama-iqbalअपने मन में डूब कर पा जा सुराग़-ए-ज़ि़ंदगी तू अगर मेरा नहीं बनता न बन अपना तो बन