SHER•11/21/2020अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्लBy Allama IqbalLikeShareReportHindiEnglishअच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे