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अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल

अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल

लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे

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अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल — Allama Iqbal • ShayariPage