क्या बोला मुझे ख़ुद को तुम्हारा नहीं कहना

क्या बोला मुझे ख़ुद को तुम्हारा नहीं कहना

ये बात कभी मुझसे दुबारा नहीं कहना


ये हुक़्म भी उस जान से प्यारे ने दिया है

कुछ भी हो मुझे जान से प्यारा नहीं कहना