Shayari Page
SHER

कोई दिक़्क़त नहीं है गर तुम्हें उलझा सा लगता हूँ

कोई दिक़्क़त नहीं है गर तुम्हें उलझा सा लगता हूँ

मैं पहली मर्तबा मिलने में सबको ऐसा लगता हूँ

ज़रूरी तो नहीं हम साथ हैं तो कोई चक्कर हो

वो मेरी दोस्त है और मैं उसे बस अच्छा लगता हूँ

Comments

Loading comments…
कोई दिक़्क़त नहीं है गर तुम्हें उलझा सा लगता हूँ — Ali Zaryoun • ShayariPage