एक आवाज़ कि जो मुझको बचा लेती है

एक आवाज़ कि जो मुझको बचा लेती है

ज़िन्दगी आख़री लम्हों में मना लेती है


जिस पे मरती हो उसे मुड़ के नही देखती वो

और जिसे मारना हो यार बना लेती है