तूर-ए-सीना है सर करोगे मियां
तूर-ए-सीना है सर करोगे मियां
अपने अंदर सफर करोगे मियां
तुम हमें रोज याद करते हो
फिर तो तुम उम्र भर करोगे मियां
वो जो इक लफ्ज़ मर गया है
उसको किसकी खबर करोगे मियां
और दिल-ए-दरवेश एक मदीना है
तुम मदीने में सैर करोगे मियां