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GHAZAL

तंज करना है मुझ पर अजी कीजिए

तंज करना है मुझ पर अजी कीजिए

कर रहे हैं सभी आप भी कीजिए

बात भी कीजिए देख भी लीजिए

देख भी लीजिए बात भी कीजिए

आप क्यूं कर रहे हैं मेरे वास्ते

आप अपने लिए शायरी कीजिए

खानदानी मुनाफ़िक़ है आप इसलिए

दोस्तों की जड़े खोखली कीजिए

आप इस के सिवा कर भी सकते हैं क्या

यानी जो कर रहे हैं वही कीजिए

मैं कहां रोकता हूं सितम से भला

कीजिए कीजिए जान जी कीजिए

आ गए आप के आस्ताने पर हम

अब बुरी कीजिए या भली कीजिए

लीजिए छोड़ता हूं मैं कार-ए-सुखन

मेरी जानिब से भी आप ही कीजिए

वो अली हो मोहब्बत हो या इश्क हो

इन से मिलिए यहां जिंदगी कीजिए

क्या हसद भी कोई काम करने का है

आशिक़ी कीजिए दिलबरी कीजिए

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तंज करना है मुझ पर अजी कीजिए — Ali Zaryoun • ShayariPage