प्यार में जिस्म को यकसर न मिटा जाने दे
प्यार में जिस्म को यकसर न मिटा जाने दे
कुर्बत-ए-लम्स को गाली ना बना जाने दे
तू जो हर रोज़ नए हुस्न पे मर जाता है
तू बताएगा मुझे 'इश्क़ है क्या'? जाने दे
चाय पीते हैं कहीं बैठ के दोनों भाई
जा चुकी है ना तो बस छोड़ चल आ जाने दे