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GHAZAL

नज़र अंदाज है घायल पड़े है

नज़र अंदाज है घायल पड़े है

कई दरिया कई जंगल पड़े है

नजर उठी है उसकी मेरी जानिब

कई पेशानियों पर बल पड़े है

मैं उसका ख़त बहा के आरहा हु

मेरे बाजू अभी तक शल पड़े है

उसे कहना के कल टेरिस पर आये

उसे कहना के बादल चल पड़े है

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नज़र अंदाज है घायल पड़े है — Ali Zaryoun • ShayariPage