Shayari Page
GHAZAL

खयाल में भी उसे बेरिदा नहीं किया है

खयाल में भी उसे बेरिदा नहीं किया है

ये जुल्म मुझसे नहीं हो सका, नहीं किया है

मैं एक शख्स को ईमान जानता हूं तो क्या

खुदा के नाम पे लोगों ने क्या नहीं किया है

इसीलिए तो मैं रोया नहीं बिछड़ते समय

तुझे रवाना किया है जुदा नहीं किया है

यह बदतमीज अगर तुझ से डर रहे हैं तो फिर

तुझे बिगाड़ के मैंने बुरा नहीं किया है

Comments

Loading comments…
खयाल में भी उसे बेरिदा नहीं किया है — Ali Zaryoun • ShayariPage