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GHAZAL

इसी लिए तो मुझे सुनके तैश आया है

इसी लिए तो मुझे सुनके तैश आया है

तुम्हारा हाल किसी और ने बताया है

मुझे बता मेरा भाई शहीद कैसे हुआ

तू उसके साथ था तू कैसे बच के आया है

अभी ये ज़ख़्म किसी पर नहीं खुला मेरा

अभी ये शेर किसी को नहीं सुनाया है

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इसी लिए तो मुझे सुनके तैश आया है — Ali Zaryoun • ShayariPage