हालत ए हिज्र में हूँ यार मेरी सम्त न देख

हालत ए हिज्र में हूँ यार मेरी सम्त न देख

तू न हो जाए गिरफ्तार, मेरी सम्त न देख

आस्तीन में जो छूपे सांप हैं उनको तो निकाल

अपने नुकसान पर हर बार मेरी सम्त न देख

तुझको जिस बात का 'ख़द्शा' है वो हो सकती है

ऐसे नश्शे में लगातार मेरी सम्त न देख

या कोई बात सुना या मुझे सीने से लगा

इस तरह बैठकर बेकार मेरी सम्त न देख

तेरा यारों से नहीं जेब से याराना है

ऐ मोहब्बत के दुकाँदार मेरी सम्त न देख