GHAZAL•
चमकते दिन बहुत चालाक है शब जानती है
By Ali Zaryoun
चमकते दिन बहुत चालाक है शब जानती है
उसे पहले नहीं मालूम था अब जानती है
ये रिश्तेदार उसको इसलिए झुठला रहे हैं
वो रिश्ता मांगने वालों का मतलब जानती है
जो दुख उसने सहे हैं उसकी बेटी तो ना देखे
वो मां है और मां होने का मनसब जानती है
ये अगली रौ में बैठी मुझसे सर्वत सुनने वाली
मैं उसके वास्ते आया हूं ये सब जानती हैं