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GHAZAL

चादर की इज्जत करता हूं और पर्दे को मानता हूं

चादर की इज्जत करता हूं और पर्दे को मानता हूं

हर पर्दा पर्दा नहीं होता इतना मैं भी जानता हूं

सारे मर्द एक जैसे हैं तुमने कैसे कह डाला

मैं भी तो एक मर्द हूं तुमको खुद से बेहतर मानता हूं

मैंने उससे प्यार किया है मिल्कियत का दावा नहीं

वो जिसके भी साथ है मैं उसको भी अपना मानता हूं

चादर की इज्जत करता हूं और पर्दे को मानता हूं

हर पर्दा पर्दा नहीं होता इतना मैं भी जानता हूं

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