GHAZAL•
चादर की इज्जत करता हूं और पर्दे को मानता हूं
By Ali Zaryoun
चादर की इज्जत करता हूं और पर्दे को मानता हूं
हर पर्दा पर्दा नहीं होता इतना मैं भी जानता हूं
सारे मर्द एक जैसे हैं तुमने कैसे कह डाला
मैं भी तो एक मर्द हूं तुमको खुद से बेहतर मानता हूं
मैंने उससे प्यार किया है मिल्कियत का दावा नहीं
वो जिसके भी साथ है मैं उसको भी अपना मानता हूं
चादर की इज्जत करता हूं और पर्दे को मानता हूं
हर पर्दा पर्दा नहीं होता इतना मैं भी जानता हूं