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GHAZAL

अरे क्या सीख सकोगें भला हिजरत से हमारी

अरे क्या सीख सकोगें भला हिजरत से हमारी

तुम लोग मजा लेते हो हालत से हमारी

हम कौन हैं ये बात तुम्हें लिख के बताएं

अंदाजा नहीं होता शबाहत से हमारी

बेसुध नहीं राएगा हो जाना हमारा

कुछ फूल खिले हैं तो मुशक्तत से हमारी

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अरे क्या सीख सकोगें भला हिजरत से हमारी — Ali Zaryoun • ShayariPage