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GHAZAL

अपने यारों से बहुत दूर नहीं होता था

अपने यारों से बहुत दूर नहीं होता था

यार तू उन दिनों मशहूर नहीं होता था

मुझको लगता है तुझे दिल की दुआ लग गई है

तेरे चेहरे पर तो ये नूर नहीं होता था

कोई तो दुःख है जो वापस नहीं देता

वरना मैं घर से कभी दूर नहीं होता था

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अपने यारों से बहुत दूर नहीं होता था — Ali Zaryoun • ShayariPage