नाज़ क्या इस पे जो बदला है ज़माने ने तुम्हेंAkbar Allahabadi@akbar-allahabadiनाज़ क्या इस पे जो बदला है ज़माने ने तुम्हें मर्द हैं वो जो ज़माने को बदल देते हैं