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लिपट भी जा न रुक 'अकबर' ग़ज़ब की ब्यूटी है

लिपट भी जा न रुक 'अकबर' ग़ज़ब की ब्यूटी है

नहीं नहीं पे न जा ये हया की ड्यूटी है

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लिपट भी जा न रुक 'अकबर' ग़ज़ब की ब्यूटी है — Akbar Allahabadi • ShayariPage