हक़ीक़ी और मजाज़ी शायरी में फ़र्क़ ये पाया Akbar Allahabadi@akbar-allahabadiहक़ीक़ी और मजाज़ी शायरी में फ़र्क़ ये पाया कि वो जामे से बाहर है ये पाजामे से बाहर है