धमका के बोसे लूँगा रुख़-ए-रश्क-ए-माह काAkbar Allahabadi@akbar-allahabadiधमका के बोसे लूँगा रुख़-ए-रश्क-ए-माह काचंदा वसूल होता है साहब दबाव से