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तेरे होते हुए महफ़िल में जलाते हैं चराग़

तेरे होते हुए महफ़िल में जलाते हैं चराग़

लोग क्या सादा हैं सूरज को दिखाते हैं चराग़

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तेरे होते हुए महफ़िल में जलाते हैं चराग़ — Ahmad Faraz • ShayariPage