सो देख कर तेरे रुख़्सार-ओ-लब यक़ीं आया Ahmad Faraz@ahmad-farazसो देख कर तेरे रुख़्सार-ओ-लब यक़ीं आया कि फूल खिलते हैं गुलज़ार के अलावा भी