SHER•6/10/2020मुन्सिफ़ हो अगर तुम तो कब इंसाफ़ करोगेBy Ahmad FarazLikeShareReportHindiEnglishमुन्सिफ़ हो अगर तुम तो कब इंसाफ़ करोगे मुजरिम हैं अगर हम तो सज़ा क्यूँ नहीं देते