इक ये भी तो अंदाज़-ए-इलाज-ए-ग़म-ए-जाँ है

इक ये भी तो अंदाज़-ए-इलाज-ए-ग़म-ए-जाँ है

ऐ चारागरो दर्द बढ़ा क्यूँ नहीं देते