SHER•1/12/2021हम तिरे शौक़ में यूँ ख़ुद को गँवा बैठे हैंBy Ahmad FarazLikeShareReportHindiEnglishहम तिरे शौक़ में यूँ ख़ुद को गँवा बैठे हैं जैसे बच्चे किसी त्यौहार में गुम हो जाएँ