SHER•6/10/2020भरी बहार में इक शाख़ पर खिला है गुलाबBy Ahmad FarazLikeShareReportHindiEnglishभरी बहार में इक शाख़ पर खिला है गुलाबकि जैसे तू ने हथेली पे गाल रक्खा है