ऐसी तारीकियाँ आँखों में बसी हैं कि 'फ़राज़' Ahmad Faraz@ahmad-farazऐसी तारीकियाँ आँखों में बसी हैं कि 'फ़राज़' रात तो रात है हम दिन को जलाते हैं चराग़