Shayari Page
SHER

ऐसी तारीकियाँ आँखों में बसी हैं कि 'फ़राज़'

ऐसी तारीकियाँ आँखों में बसी हैं कि 'फ़राज़'

रात तो रात है हम दिन को जलाते हैं चराग़

Comments

Loading comments…
ऐसी तारीकियाँ आँखों में बसी हैं कि 'फ़राज़' — Ahmad Faraz • ShayariPage