SHER•6/10/2020अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैंBy Ahmad FarazLikeShareReportHindiEnglishअभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं 'फ़राज़' अब ज़रा लहजा बदल के देखते हैं