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GHAZAL

इस तरह तल्ख़ नवाई से नहीं चलता है

इस तरह तल्ख़ नवाई से नहीं चलता है

काम दुनिया में बुराई से नहीं चलता है

प्यार ज़िंदा है ज़माने में भले लोगों से

प्यार का नाम लड़ाई से नहीं चलता है

मेरे बच्चों की इबादत भी है इसमें शामिल

घर फ़क़त मेरी कमाई से नहीं चलता है

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