GHAZAL•
इस तरह तल्ख़ नवाई से नहीं चलता है
By Abrar Kashif
इस तरह तल्ख़ नवाई से नहीं चलता है
काम दुनिया में बुराई से नहीं चलता है
प्यार ज़िंदा है ज़माने में भले लोगों से
प्यार का नाम लड़ाई से नहीं चलता है
मेरे बच्चों की इबादत भी है इसमें शामिल
घर फ़क़त मेरी कमाई से नहीं चलता है