यार इक बार परिंदों को हुकूमत दे दो
यार इक बार परिंदों को हुकूमत दे दो
ये किसी शहर को मक़्तल नहीं होने देंगे
ये जो चेहरे हैं यहाँ चाँद से चेहरे 'ताबिश'
ये मिरा इश्क़ मुकम्मल नहीं होने देंगे
यार इक बार परिंदों को हुकूमत दे दो
ये किसी शहर को मक़्तल नहीं होने देंगे
ये जो चेहरे हैं यहाँ चाँद से चेहरे 'ताबिश'
ये मिरा इश्क़ मुकम्मल नहीं होने देंगे