Shayari Page
SHER

यार इक बार परिंदों को हुकूमत दे दो

यार इक बार परिंदों को हुकूमत दे दो

ये किसी शहर को मक़्तल नहीं होने देंगे

ये जो चेहरे हैं यहाँ चाँद से चेहरे 'ताबिश'

ये मिरा इश्क़ मुकम्मल नहीं होने देंगे

Comments

Loading comments…