Shayari Page
SHER

शायद किसी बला का था साया दरख़्त पर

शायद किसी बला का था साया दरख़्त पर

चिड़ियों ने रात शोर मचाया दरख़्त पर

Comments

Loading comments…
शायद किसी बला का था साया दरख़्त पर — Abbas Tabish • ShayariPage