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कब तुम्हें इश्क़ पे मजबूर किया है हमने

कब तुम्हें इश्क़ पे मजबूर किया है हमने

हम तो बस याद दिलाते हैं चले जाते हैं

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कब तुम्हें इश्क़ पे मजबूर किया है हमने — Abbas Tabish • ShayariPage