तू समझता है तेरा हिज्र गवारा करके

तू समझता है तेरा हिज्र गवारा करके

बैठ जाएँगे मोहब्बत से किनारा करके


ख़ुदकुशी करने नहीं दी तेरी आँखों ने मुझे

लौट आया हूँ मैं दरिया का नज़ारा करके


जी तो करता है उसे पाँव तले रौंदने को

छोड़ देता हूँ मुक़द्दर का सितारा करके


करना हो तर्क-ए-त'अल्लुक़ तो कुछ ऐसे करना

हमको तक़लीफ़ न हो ज़िक्र तुम्हारा करके


इसलिए उसको दिलाता हूँ मैं ग़ुस्सा 'ताबिश'

ताकि देखूँ मैं उसे और भी प्यारा करके