मेरी तन्हाई बढ़ाते हैं चले जाते हैं
मेरी तन्हाई बढ़ाते हैं चले जाते हैं
हंस तालाब पे आते हैं चले जाते हैं
इस लिए अब मैं किसी को नहीं जाने देता
जो मुझे छोड़ के जाते हैं चले जाते हैं
मेरी आँखों से बहा करती है उन की खुशबु
रफ्तगां ख्वाब में आते हैं चले जाते हैं
शादी -इ -मार्ग का माहौल बना रहता है
आप आते हैं रुलाते हैं चले जाते हैं
कब तुम्हें इश्क़ पे मजबूर किया है हम ने
हम तो बस याद दिलाते हैं चले जाते हैं
आप को कौन तमाशाई समझता है यहाँ
आप तो आग लगते हैं चले जाते हैं
हाथ पत्थर को बाधाओं तो सगण -इ -दुनिया
हैराती बन के दिखते हैं चले जाते हैं