GHAZAL•
देख दीवारों पे ग़हरी झुर्रियाँ बारिश के बाद
By Abbas Tabish
देख दीवारों पे ग़हरी झुर्रियाँ बारिश के बाद
और बूढ़ा हो गया कच्चा मकाँ बारिश के बाद
अब मैं तन्हा भीगता उनको नज़र आता नही
सब निकल आयेंगे ले कर छतरियाँ बारिश के बाद
तू है सतरंगी धनक और मैं गली कूचों की गर्द
तू कहाँ बारिश से पहले मैं कहाँ बारिश के बाद